कानपुर न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश सरकार अपराध और अपराधियों पर सख्ती से लगाम लगाने के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है। इस कड़ी में कानपुर पुलिस कमिश्नरेट ने भी अपराध पर नियंत्रण के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। कानपुर पुलिस ने हाल ही में शहर के 15 अपराधियों को चिन्हित किया है, जिनके खिलाफ इंटर रेंज गैंग (IR-01) के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह कानपुर में पहली बार है जब किसी गैंग को इंटर रेंज गैंग के तहत पंजीकृत किया गया है।
कानपुर पुलिस ने इस गैंग के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है, जो पहले शहर के सिविल लाइंस में 1000 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन पर कब्जा करने के मामले में शामिल था। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था और बाद में कई अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं जबकि अन्य जेल में हैं।
कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के निर्देश पर अब इस गैंग को इंटर रेंज गैंग के तहत पंजीकृत किया गया है। गैंग के मुख्य सरगना के तौर पर अवनीश दीक्षित का नाम सामने आया है, जो इस अपराध में शामिल प्रमुख व्यक्तियों में से एक है। इसके साथ ही कई अन्य सदस्य भी इस गैंग का हिस्सा हैं। कानपुर पुलिस कमिश्नरेट ने अब इन सभी संभावित गैंग सदस्यों के खिलाफ जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखना और सख्त कार्रवाई करना है, ताकि कानपुर शहर को अपराध मुक्त किया जा सके। कानपुर पुलिस कमिश्नर ने इस बात का भरोसा जताया है कि सरकार की नीतियों के अनुसार अपराधियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे और ऐसे गैंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में जिन 15 अपराधियों को इंटर रेंज गैंग में शामिल किया गया है, उनमें अवनीश दीक्षित के साथ हरेन्द्र कुमार मसीह, राहुल वर्मा, विसेन्ट विक्रम उर्फ विक्की चार्ल्स, संदीप शुक्ला उर्फ बउवन शुक्ला, कमला एरियल, अभिषेक एरियल, नौरिस एरियल, अर्पण एरियल, अली अब्बास, जितेश झा, जितेंद्र शुक्ला, विवेक पाण्डेय, मनोज यादव, मो वसीम खान और अखलाक अहमद का नाम शामिल है।
कानपुर पुलिस को उम्मीद है कि जांच के बाद गैंग के अन्य सदस्यों के नाम भी सामने आएंगे। पुलिस ने इस तरह के अपराधियों पर कड़ी निगरानी रखने और पूरे गैंग को बेनकाब करने की योजना बनाई है।