कानपुर न्यूज डेस्क: शासन से बजट मिलने के बावजूद लोकनिर्माण विभाग की ओर से कागजों पर गड्ढामुक्त करार दी गई अधिकांश सड़कों की स्थिति अभी भी सुधरी नहीं है। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद, इन सड़कों के गड्ढे और खराब हालत सुगम यातायात में बाधक बने हुए हैं। इस स्थिति से विभाग की कार्यप्रणाली और ठेकेदारों की मिलीभगत की हकीकत सामने आ रही है, जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला भी प्रकाश में आ रहा है।
शासन ने लोकनिर्माण विभाग को दीवाली तक सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद विभाग ने बजट को तेजी से खर्च करना शुरू कर दिया। इसके तहत जिले की 177 जिला और ग्राम स्तरीय सड़कों को गड्ढामुक्त करने का दावा किया गया, लेकिन काम के बावजूद सड़कों के गड्ढे जस के तस बने हुए हैं, जिससे नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हाल ही में हुई सत्यापन जांच में यह स्पष्ट हुआ कि गड्ढामुक्त बताई गई सड़कों की हालत बहुत खराब है। इस पर जिला अधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं। अब जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से बहाने बनते हुए रात के अंधेरे में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कराई जा रही है, ताकि दोष को छुपाया जा सके।
लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता देवेंद्र कुमार का कहना है कि मरम्मत के बाद भी कई सड़कों का हाल खराब हो गया है, क्योंकि इन पर भारी वाहनों का आवागमन लगातार जारी है। वहीं, कुछ ग्रामीण संपर्क मार्गों पर सीमित बजट के चलते मरम्मत का कार्य अधूरा रहा। विभाग ने मरम्मत को लेकर कई दावे किए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
बीसलपुर से गंगापुरवा मार्ग की हालत इस बात का उदाहरण है कि कैसे लोकनिर्माण विभाग द्वारा गड्ढामुक्त बताई गई सड़कों का वास्तविकता से कोई ताल्लुक नहीं है। इस मार्ग में गहरे गड्ढे और उखड़ी हुई गिट्टी लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई हैं। प्रतिदिन इस मार्ग से यात्रा करने वाले गांववासियों को मरम्मत के बाद भी लगातार मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं।
इसी तरह झींझक रूरा रोड से भारत सिंह पुरवा जाने वाली सड़क भी गड्ढामुक्त सड़कों की सूची में शामिल की गई थी, लेकिन यहां भी स्थिति बेहतर नहीं है। सड़क के गड्ढे और उखड़ी गिट्टी ग्रामीणों के लिए आवागमन में बड़ी समस्या पैदा कर रहे हैं। इस सड़क से रोजाना कई गांवों के लोग यात्रा करते हैं, लेकिन मरम्मत के दावों के बावजूद सड़कों की बदहाली जस की तस बनी हुई है।